शुक्रवार, 19 मार्च 2010

नव रात्रि मे अद्बुत माता सेवा गीत--धरोहर------------ललित शर्मा

मर 36 गढ के मा गांव जंवारा बैठाए हे जौन हा मानता माने रिहिस तौन हा, संझा के सेवा वाला मन के मांदर अउ झान्झ मंजीरा बाजथे त बड़ सुग्घर लागथे। जैइसन जैइसन ताल के गति बाढते तैसन तैसन गोड़ हां नाचे ला घरथे, अउ गोड़ के नाचे के गति हां घला बाढ जाथे।संगी हो आज आप मन बर माता सेवा के एक ठीक गीत ला प्रस्तुत करत हंव्। ये दे गीत ला हमर गांव के सेऊक मन गाथे, कोन लिखे हे तेला मै हां नइ जानव।


चंडी कहिथे, दुर्गा कहिथे, शीतला कहिथे ओSSSSS
कोनो तोला काली, बमलाई महमाई कहिथे ओSSSSS

हाथ जोड़ के बिनती करत हे,लागौं तोर पैंया ओ दाई
नर मुंडन के माला पहिरे,आदि शक्ति मैया ओ दाई,

जय अम्बे, अम्बिका भवानी, शक्ति कहिथे ओSSSS
कलकत्ता के काली माई, डोंगरगढ के बम्लाई ओSSS
कवर्धा मे विन्ध्यवासिनी,गंडई के गंगाई ओSSSSS

सतयुग,त्रेता, द्वापर,कलयुग,नाम अनेक धराए,
पापी मन के नास करे तैं,भक्तन के लाज बचाए

बीना बजैया, विद्या देवैया, सरस्वती कहिथे ओSSSS
चंडी कहिथे, दुर्गा कहिथे, शीतला कहिथे ओSSSSS

ललित शर्मा

blogger templates | Make Money Online